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  • सुपरस्टार जो इंडियन आर्मी में था कैप्टन, कारगिल युद्ध में देश के लिए छोड़ी एक्टिंग, आज ₹80,00,00,000 नेट वर्थ

    बॉलीवुड में गरीबी से अमीरी तक पहुंचने की कहानियां तो अनगिनत हैं। ज्यादातर एक्टर जो बिना किसी ‘गॉडफादर’ के सपोर्ट के इंडस्ट्री में आते हैं, उन्हें अपने दम पर सफलता हासिल करनी पड़ती है। कई लोगों के पास ऐसे किस्से हैं जिनमें उन्होंने बिना किसी सहारे के अपनी जगह है। ऐसी ही एक सफलता की


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    By Azad Hind Desk दिसम्बर 20, 2025
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    बॉलीवुड में गरीबी से अमीरी तक पहुंचने की कहानियां तो अनगिनत हैं। ज्यादातर एक्टर जो बिना किसी ‘गॉडफादर’ के सपोर्ट के इंडस्ट्री में आते हैं, उन्हें अपने दम पर सफलता हासिल करनी पड़ती है। कई लोगों के पास ऐसे किस्से हैं जिनमें उन्होंने बिना किसी सहारे के अपनी जगह है। ऐसी ही एक सफलता की कहानी इस स्टार की है, जो राष्ट्रीय पुरस्कार विनर था, फिर उन्होंने शूटर और किसान बनकर शून्य से बड़ी संपत्ति खड़ी की।

    हम बात कर रहे हैं नाना पाटेकर की। उनका जन्म 1951 में एक मराठी परिवार में हुआ था। एक्टर ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 1978 में फिल्म ‘गमन’ में एक निगेटिव रोल से की थी। लेकिन उन्हें पहली बार पहचान 1986 की स्लीपर हिट फिल्म ‘अंकुश’ से मिली, जिसने उनके करियर को चमका दिया।

    नाना पाटेकर की हिट फिल्में

    आगे अपने करियर में, नाना ने ‘परिंदा’, ‘तिरंगा’, ‘क्रांतिवीर’, ‘अग्नि साक्षी’, ‘खामोशी’ और ‘भूत’ जैसी कई फिल्मों में काम किया, जिन्हें लोगों ने खूब सराहा। और बॉक्स ऑफिस पर भी फिल्में सफल रहीं। ‘अग्नि साक्षी’ में अपने रोल के लिए उन्हें बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला।

    नाना पाटेकर का शुरुआती जीवन, नेट वर्थ

    लेकिन नाना पाटेकर का शुरुआती जीवन आसान नहीं था। एक्टर का पालन-पोषण एक साधारण परिवेश में हुआ, जहां उन्हें 11 साल की उम्र में पत्थर की खदान में काम करना पड़ा। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि जब उन्होंने अभिनय शुरू किया, तो उनका पहला वेतन मात्र 750 रुपये था। उनकी पत्नी, जिनसे उन्होंने 1978 में शादी की थी, बैंक में नौकरी करती थीं, जिससे उन्हें 2000 रुपये से अधिक की आय होती थी। लेकिन फिल्मों में उनकी सफलता के कारण आज नाना पाटेकर सालाना लगभग 6 करोड़ रुपये कमाते हैं और उनकी कुल नेट वर्थ 80 करोड़ रुपये हैं।

    इंडियन आर्मी में कैप्टन बने

    साल 1990 में, ‘प्रहार’ में आर्मी मेजर के रोल के लिए तीन साल की ट्रेनिंग के बाद नाना पाटेकर को इंडियन आर्मी में कैप्टन के रूप में कमीशन मिला। उस समय उन्होंने भावी सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह के साथ मिलकर काम किया।

    कारगिल युद्ध के दौरान फिल्में छोड़ दीं

    1999 के कारगिल युद्ध के दौरान, नाना पाटेकर ने कुछ समय के लिए अपने अभिनय करियर को विराम दिया और मेजर के रूप में मराठा लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट में मोर्चे पर अपनी सेवाएं दीं। तब से वे एक स्पोर्ट्स शूटर के रूप में राज्य और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग लेते रहे हैं और कई अवॉर्ड भी जीत चुके हैं।

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